मनोज शर्मा/जांजगीर चांपा। जरूरतमंद हर ग्रामीण के घर में नल के माध्यम से शुद्ध और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो, इसी मंशा से सरकार ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया था, लेकिन यहां तो अधिकारियों, नेताओं और ठेकेदारों की मंशा कुछ और दिखाई देती है। इसकी वजह से मिशन की सफलता पर ही सवालिया निशान लग रहे हैं। आलम यह है कि इस महत्वाकांक्षी योजना के बावजूद ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जानकारी के अनुसार जिले के कई गांवों में जल जीवन मिशन की असफलता सामने आ रही है। जरूरत के हिसाब से भी पानी नहीं आ रहा है। कहीं पर टंकी निर्माण में अनियमितता पाई जा रही है तो कहीं पाइप लाइन ऐसी बिछी है कि घरों तक पानी ही नहीं पहुंच रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से लगे जर्वे के ग्रामीणों से लोकसदन की टीम ने गांव में जल जीवन मिशन के कार्यों से मिलने वाली सुविधा के बारे में पूछा तो गांव के तानसेन कश्यप ने बताया कि पहले तो टंकी बनाई गई, पाइप लाइन का विस्तार किया गया मगर, उसमे ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी की गई और कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाती, फिलहाल साल भर से ग्रामीणों को नल से पानी नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह पेंड्री गांव में कुछ और ही बात सामने निकल कर आई। गांव के तिजराम भार्गव ने बताया कि यहां टंकी का निर्माण कराया गया। पाइप लाइन विस्तार कर हर घर पानी पहुंचाने मशक्कत की गई, लेकिन यहां के जो रसूखदार हैं उनके द्वारा कनेक्शन में पंप लगाकर पानी ले लिया जाता है, जिससे गरीब व मध्यम तबके के लोगों के घर पानी की धार नही पहुंच पाती।ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि प्रत्येक घर में नल के माध्यम से जलापूर्ति करने की मंशा पूरी नही हो पाई।
पीएम के महत्वकांक्षी योजना को लग रहा पलीता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर घर जल को लेकर देखे गए सपने को चूर-चूर करने जिम्मेदार अफसर और ठेकेदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आने के बाद भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। जिम्मेदार महज कुछ कमीशन के फेर में पीएम की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप जिले के कई गांव में यह योजना महज नाममात्र के लिए रह गई है, जो केवल कागज में ही मूर्त रूप ले सकी। ऐसे में पीएम के महत्वकांक्षी योजना को पलीता लग रहा है।
एसी के चेंबर में बैठे अफसर के लिए सबकुछ ठीक-ठाक
जिले के लगभग सभी गांव में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हो रहे कार्यों में घोर अनियमितता बरती गई है। ठेकेदारों के द्वारा निर्धारित मापदंड के विरुद्ध काम किया गया है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ठेकेदारों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं है। निर्माण कार्य के दौरान ना तो फील्ड पर कोई अधिकारी रहते हैं और ना शिकायत के बाद कोई जांच की जाती है। ऐसे में अफसरों को लोगों की समस्या से कोई सरोकार नहीं रहता और एसी के चेंबर से सबकुछ ठीक-ठाक नजर आता है।
ईई का कहना है सोर्स नही मिल रहा
जब जर्वे गांव की समस्या के संबंध में पीएचई विभाग के जिम्मेदार ईई पुरुषोत्तम सिंह सुमन से चर्चा की, तो उनका कहना था कि सोर्स नही मिल पा रहा है, जिससे पानी नही मिल पा रहा होगा। फिर उसके बाद क्या सूझी तो निरीक्षण करने की बात कही।